बहोत सारे लोग किसान है l बहोत सारे किसान अपने परिवार का पालन पोषण नही कर पाते है l अब चिंता की जरुरत नही है खेती का उत्पादन बढाने के लिये आसान प्रयोग काम आया है ये है शिवांश खाद है l ये ऐसी तकनीक है की बिना किसी खर्चे का खाद बनाया जाता है l हम सिर्फ अठरा दिनों मे खाद बना सकते है l आज हमारी किसानों की आमदनी रसायनिक खाद,बीज और कीटकनाशक खरीदने मे चली जाता है l लेकीन अपनी खाद खुद बनाकर कठीण क्षेत्र मे काम करने मे अपनी आमदनी खुद बढा सकते है और इसके फायदे पहले कुछ दिनों मे दिख जाते है l ख़ुशी की बात यह है की शिवांश खाद से उपज की क्षमता १५ से ४० प्रतिशत बढ जाती है और ५० प्रतिशत सिंचाई को कम पानी लगता है l फसलों को बिमारी से लढने की ताकद मिलती है l इस वजह से रसायनों की कम मात्रा लगती है, युरिया, एमओ पी का उपयोग नही करना पडता l इसके साथ जमीन की उत्पादन क्षमता भी बढती है l इससे ना सिर्फ हम पर आगे आनेवाली पिढीयाँ भी खेती पे जीवन व्यतीत कर सकती है l
शिवांश खाद तीन तरह की सामग्री से बनती है l सुखी सामग्री, हरी सामग्री और गोबर l इन सामग्री को सही मात्रा मे मिलानेसे एक बेहतरीन खाद बनाई जा सकती है l वो भी सिर्फ अठराह दिनोंमे l अच्छी खाद बनाने के लिये इसके ढेर को सात बार पलटना पडता है l खाद बनाने के बाद पेहले चार दिनो बाद पलटाई करे उसके बाद हर दुसरे दिन पलटाई करे l
सामग्री
1) सुखी सामग्री :-
सुखी सामुग्री पहले इकठठी करे क्यों की ये सुखना जरुरी है इसमे सुखी घास, खरपतवार, भुसा, लकडी के छोटे तुकडे या सुखी पत्तीयां इस्तेमाल किया जा सकता है l
2) हरी सामुग्री :-
खाद मे जानेवाली सामुग्री ताजा होनी चाहिये l हरी घास, खरपतवार, पेडों के हरे हिस्से खाद बनाने वाले दिन इकठठा करे l निम की पत्तीया इस्तेमाल ना करे क्योंकी इससे खाद मे बनने वाले जीवाणूओं को नुकसान पहुंच सकता है l
3) गोबर :-
नायट्रोजन का सही मात्रा मे होना हमारी खाद के गुणवत्ता के लिये जरुरी है l गोबर जितना ताजा होगा उतनाही नायट्रोजन अधिक होगा विभिन्न प्रकार के गोबर का उपयोग अच्छी खाद के लिये जरुरी होता है l
तयारी
खाद बनाने के लिये सुखी और छांयादार जगह चुने इस जगह मे पानी का निकास होनी चाहिये साथ हि खाद की आसपास चलने की जगह चाहिये l खाद का ढेर घर या खेत के पास चाहिये l सुखी और हरी घास को दो इंच मे काटे l खाद के लिये जरुरी साधन जमा कर ले एक दस लिटर की तस्ली, जाली, काटने का समान, प्लास्टिक शीट या तिरपाल l
विधी
एक घनमीटर खाद बनाने के लिये खाद के ढेर की उंचाई 1.2 से 4 फुट और चौडाई 1.2 से 4 फुट चाहिये l खाद के लिये सही मात्रा जरुरी है, इसके लिये 9 हिस्सा सुखी सामुग्री, 6 हिस्सा हरी सामुग्री और 3 हिस्सा गोबर l सबसे पेहले 9 तसला सुखी सामुग्री, पहली परत लगाये, 1.5 तसला पानी पुरी परत पे लगायें अगर आप धान की भुसे को ले रहे तो उसे पानी मे भिगोके रखे l अगली परत के लिये हरी घास 6 तसला भुसे के उपर डालिये इसके लिये 1 तसला हरे घास के उपर 3 तसला गोबर डालीये गोबर की परत पर सिर्फ आधा तसला पानी डालिये l इस तरह से गोबर, हरीघास, सुखी घास की परत लगवाये और ढेर 4 फुट तक बनाये और 1.5 फुट चौडाई मे डाले l ये 3 परते आपको 7 बार लगवानी है l याद रखे तसली से नाप कर पानी छीडके l 4 फिट ढेर होने के बाद सुखी सामुग्री से ढक ले और थोडा पानी छीडके उसके बाद ढेर को प्लास्टिक शीट से ढक लीजिये l तीन दिन होने के बाद चौथे दिन खाद को पलटे l खाद को पलटना जरुरी है इसकी वजह से खाद में बने जीवाणूओ को हवा मिलती है l पलटते समय ध्यान रखे उपर का भाग बीच में डाले और अंदर की सामुग्रीसे बाहर की परत बनाये l खाद पलटते समय अंदर का तापमान और नमी का ध्यान रखें l ढेर को सातबार पलटा जायेगा l
तापमान
सही तापमान ५५ – ६५ से. है l तापमान की जाँच करने के लिये कोह्नी तक गड्डा बनाये और अंदर हात डालिये अगर आप गर्मी से अंदर हात ना रख सके तो तापमान सही है l
निचोडने की परीक्षण
निचोडने की परीक्षण मे नमी देखने के लिये हात से दबायें l अलग अलग जगह से सामुग्री निकाले और जाँच कर ले अगर कूछ बुंद निकलते है तो नमी की मात्रा सही है l अगर पानी ना निकले तो ढेर सुखा है l ढेर की निचेसे जाँच किजीये l छठे दिन दुसरी बार पलटे सामग्री का तापमान और नमी की जाँच हर दुसरे दिन करे कमसे कम चार बार करनी चाहिये l इस तरह से सतराह दिन तक पलट किजीये l अठराह दिन तक इसका तापमान कम होना चाहिये l अगर तापमान जादा हो या पानी की मात्रा जादा हो तो दो तीन बार पलट लीजिये l तयार खाद मे नमी होती है और वजन हलका होता है l
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