भारत की खेती मानसून पर निर्भर है देशभर में मानसून की रफ्तार को लेकर कयास लगते रहते हैं कि मानसून समय पर पहुंचेगा या नहीं। लेकिन इसके उल्ट हिरा रेन गन से अब जब चाहो तब बारिश होगी।
चौकिए मत…! हिरा रेन गन लगाने के बाद सिंचाई के लिए प्रबंधन को न तो नहर की आवश्यकता होती है और न ही बारिश के लिए आसमान का मुंह ताकना होगा। रेन गन से आप जब चाहो बारिश की बौछारें पैदा कर सकेंगा। रेन गन से पानी की खपत कम हो जाती है ।
रेन गन सिस्टम लगने के बाद पानी की खपत 10 गुना कम हो जाती है। हिरा रेन गन से आप फसल को जितना चाहे, जब चाहे, नियंत्रित पानी देने की व्यवस्था होती है ।
रेनगन की विशेषताएं :
- रेनगन ISI प्रमाणित उत्पाद है |
- अंदरूनी 1.25” चुडीदार आटे में उपलब्ध है |
- पानी के 4 kg प्रैशर पे 170’ फुट (26 meter radius) गोलाकार में पानी बरसाता है |
- 211 लिटर हर मिनिटपर पानी बरसाने की क्षमता है |
- इस रेनगन के साथ 3 तरह के नोजल है जिस से, विभिन्न तरह से पानी फवार सकते है, जैसेकी पानी छिडकाव की दुरी कम ज्यादा कर सकते है और पानी की बुंद छोटी-बडी कर सकते है |
- रेनगन की बनावट नुसार दोनो पानी के आउटलेट(Outlet) के सामने पानी के बौछार कम ज्यादा करने वाले Adjustable Screw होने से रेनगन से पानी की एक धार बाहर न निकलते हुए पानी की बौछार
- की तरह एकसमान छिडकाव करने से कोई जगह सुखी नही रहती है |
- बॉडी पार्टस अल्युमिनियम और कुछ भाग तांबेसे बने होने के कारण दीर्घ काल जीवन मिलता है|
- 0 से 360 डिग्री तक रेनगन घुमानेकीAdjustment उपलब्ध है |
- 23 डिग्री के कोन मे पानी का छिडकाव करती है |
- रेनगन मे गेअर तकनीक पर आधारित होने से एक जेसी गती से पुरा गोलाकार व आधा गोलाकार मे और किसी भी कोने में घूमा सकते है उस वजसे वो सभी फसलो के लिए उपयोगी है |
- यह रेनगन गन्ने, मुगफली, बाजरा, गेहू, चने और दालो की खेती में प्रयोग करती है, और रेनगन का उपयोग चाय की खेती, कॉफी की खेती मे हरी चराई, खेल के मैदानो में भी कर सकते है |
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मंत्र आधुनिक खेती का ! दोस्त आधुनिक किसान का !!
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